Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -15-Apr-2022 - तोंद

हाय री मेरी तोंद,
कमर से चिपकी जैसे गोंद।
खाऊं कुछ तो बाहर आ जाए,
दिल मेरा फूला न समाए।
पेट जो हो जाए खाली,
बन जाती ये मवाली।
नए पकवानों की करें डिमांड,
न दूं इसको तो लेती ये रिमांड।
फूल के कुप्पा बन जाती,
गोल गप्पे खाना चाहती।
तोंद को प्यारी कैसे कह दूं,
दर्द इसका कैसे सह लूं।
मजाक बनाते लोग बड़े,
सलाह देते खड़े खड़े।
कपड़े सारे होने लगे छोटे,
तोंद से हम लगने लगे मोटे।
वेट मेरा बढ़ा गई ये तो,
जब मर्जी लोट लगा गई ये तो।
अंदर बाहर का इसका चक्कर बुरा,
मन करता इसमें खोंपू सूरा।
पतला हम भी होना चाहते,
पर योगा करने से घबराते।
तोंद कैसे जाएगी अंदर,
मचता रोज दिल में बवंडर।
हाय री मेरी तोंद के किस्सें अजीब,
पर लगती मुझको ये मेरी हबीब ।।


प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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28 Comments

Abhinav ji

16-Apr-2022 08:55 AM

Very nice 😆😆😆

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Shrishti pandey

16-Apr-2022 08:00 AM

Very nice

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Swati chourasia

16-Apr-2022 05:19 AM

बहुत खूब 👌😂😂

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